लखीमपुर खीरी। दिल्ली में हुए हादसे के बाद भी रेलवे विभाग चेत नहीं रहा है

 






लखीमपुर स्टेशन पर ट्रेनों की क्षमता की अपेक्षा यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन ट्रेन में डिब्बों की संख्या बढ़ाई नहीं जा रही है। वहीं ट्रेन रुकने का समय भी मात्र दो मिनट है। इससे यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है। इससे दुर्घटना की स्थिति भी बन रही है। लखीमपुर खीरी। दिल्ली में हुए हादसे के बाद भी रेलवे विभाग चेत नहीं रहा है। लखीमपुर स्टेशन पर ट्रेनों की क्षमता की अपेक्षा यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन ट्रेन में डिब्बों की संख्या बढ़ाई नहीं जा रही है। वहीं ट्रेन रुकने का समय भी मात्र दो मिनट है। इससे यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है। इससे दुर्घटना की स्थिति भी बन रही है।लखीमपुर रेलवे स्टेशन पर 10 ट्रेनों का आवागमन हो रहा है। इसमें महाकुंभ मेला स्पेशल के नाम से गाड़ी संख्या 05312 और 05314 को बढ़ाया गया था। हालांकि खास तिथियों पर चलने के साथ ही अधिक दूरी तय कर कुंभ पहुंचने वाली गाड़ियों की अपेक्षा यात्री लखनऊ होते हुए प्रयाग जाना पसंद कर रहे हैं। लखीमपुर खीरी। दिल्ली में हुए हादसेक बाद भी रेलवे विभाग चेत नहीं रहा है। लखीमपुर स्टशन पर ट्रेनों की क्षमता की अपेक्षा यात्रियों की संख्याढ़ोतरी हुई है, लेकिन ट्रेन में डिब्बों की संख्या बढ़ाई नहीं जा रही है। वहीं ट्रेन रुकने का समय भी मात्र दो मिनट है। इससे यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है। इससे दुर्घटना की स्थिति भी बन रही है। लखीमपुर रेलवे स्टेशन पर 10 ट्रेनों का आवागमन हो रहा है। इसमें महाकुंभ मेला स्पेशल के नाम से गाड़ी संख्या 05312 और 05314 को बढ़ाया गया था। हालांकि खास तिथियों पर चलने के साथ ही अधिक दूरी तय कर कुंभ पहुंचने वाली गाड़ियों की अपेक्षा यात्री लखनऊ होते हुए प्रयाग जाना पसंद कर रहे हैं रविवार को 55083 मैलानी-डॉलीगंज ट्रेन के समय बहुत भीड़ रही। अभी यात्री उतर भी नहीं पाए थे कि चलने के लिए हॉर्न बज गया। इससे लोगों आपाधापी मच गई। ट्रेन के मात्र दो मिनट रुकने के कारण यात्रियों को न सिर्फ असुविधा हो रही, बल्कि हादसे की आशंका बन रही है। सिर्फ गोरखपुर-पीलीभीत अप डाउन ट्रेन छोड़कर सारी अप-डाउन ट्रेनों के रुकने का समय मात्र दो मिनट है। लोगों ने बताया कि अगर ट्रेनों में डिब्बों की संख्या बढ़ा दी जाए और ट्रेनों के रुकने का समय दो मिनट से पांच मिनट कर दिया जाए तो सहूलियत मिल सकती है। - एक सप्ताह में टिकट बिक्री का आंकड़ा लगभग में 10 फरवरी 2100 टिकट 11 फरवरी 2800 टिकट 12 फरवरी 4000 टिकट 13 फरवरी 2700 टिकट 14 फरवरी 2500 टिकट 15 फरवरी 2600 टिकट 16 फरवरी 2700 टिकट टिकटों की बिक्री - 70 हजार रुपये प्रतिदिन प्रतिदिन यात्री आना और जाना लगभग 6000

यह रिपोर्ट लखीमपुर खीरी रेलवे स्टेशन पर बढ़ती यात्रियों की संख्या और रेलवे सुविधाओं की कमी को उजागर करती है। रिपोर्ट के अनुसार, स्टेशन पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन ट्रेनों में डिब्बों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है।

मुख्य बिंदु:

यात्रियों की बढ़ती संख्या: टिकट बिक्री के आंकड़ों के अनुसार, 10 से 16 फरवरी के बीच यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रतिदिन लगभग 6000 यात्री सफर कर रहे हैं।


ट्रेन ठहराव का समय: अधिकांश ट्रेनों का ठहराव मात्र दो मिनट का है, जिससे यात्रियों को चढ़ने-उतरने में कठिनाई होती है और दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।


डिब्बों की संख्या में वृद्धि की मांग: यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन के डिब्बों की संख्या बढ़ाने और ठहराव का समय दो से बढ़ाकर पांच मिनट करने की मांग की जा रही है।


विशेष ट्रेनें: महाकुंभ मेला स्पेशल गाड़ियों की शुरुआत की गई थी, लेकिन यात्री लखनऊ के रास्ते प्रयागराज जाना अधिक पसंद कर रहे हैं।


समाधान के संभावित उपाय:

ट्रेनों में अतिरिक्त डिब्बे जोड़े जाएं ताकि ज्यादा यात्री आराम से सफर कर सकें।


ट्रेनों के ठहराव का समय कम से कम पांच मिनट किया जाए ताकि यात्रियों को चढ़ने-उतरने में सहूलियत हो।


रेलवे प्रशासन को यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए सुविधाओं का विस्तार करना चाहिए।

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